दलितों, पिछड़ों व एसटी के 65% आरक्षण का फैसला हुआ रद्द, कोर्ट ने कहा- ये असंवैधानिक है।

Ind24tv.com// बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने के नीतीश सरकार के फैसले को हाई कोर्ट से झटका लगा है। पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन और जस्टिस हरीश कुमार की बेंच ने राज्य सरकार द्वारा दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को 50% से बढ़कर 65% आरक्षण देने के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द करने के आदेश दिए हैं।
हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिए आदेश में कहा, वर्तमान में आरक्षण की सीमा को बढ़ाने का कोई तार्किक आधार नहीं है। आरक्षित समूहों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला हुआ है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से तय 50% आरक्षण की सीमा का उल्लंघन नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने राज्य सरकार को सलाह भी दी कि वह 50% आरक्षण की सीमा में क्रीमी लेयर की समीक्षा कर संपन्न वर्ग को जगह वंचितों को आरक्षण का लाभ है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि क्रीमी लेयर पर अभी आदेश नहीं दे रहे हैं। बता दें कि नीतीश सरकार ने पिछले साल 2 अक्टूबर को जाति सर्वे को रिपोर्ट सार्वजनिक की थी।
डिप्टी सीएम बोले सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा तमिलनाडु में आरक्षण का कोटा 69% है बिहार सरकार ने कोटे में बढ़ोतरी संविधान सम्मत तरीके से की थी।