कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

कबीरधाम: मित्रता को शर्मसार कर आखिर क्यों प्रधानपाठक कमल मुरचले धोखाधड़ी कर बेईमानी में उतरे.. जानिए पूरा मामला…


कबीरधाम, छत्तीसगढ़// दरअसल मामला है जिले में स्थापित थाना रेंगाखार का जहाँ एक मामला सामने आता है कि प्रधान पाठक कमल मुरचले जोकि गणेश चंद्रवंशी नामक व्यक्ति का घर खरीदत्ता है सौदे के दौरान इनके बीच समझौता होता है की उक्त घर को खरीदने के पश्चात घर की रजिस्ट्री के बाद घर में रखे सामान गणेश चंद्रवंशी को वापस कर दिया जाएगा जो रजिस्ट्री आदेश में भी उल्लेख किया गया है रजिस्ट्री के बाद प्रधान पाठक कमल मुरचले अपनी बातों से मुकरते हुए सामान वापस नही करने में उतारू हो गए जिसके कारण विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गया जिसको लेकर विक्रेता गणेश चंद्रवंशी मामले की जानकारी देने थाना रेंगाखार पहुंचे, मामले को संज्ञान में लेते हुवे थाना प्रभारी जे एल सांडिल्य दोनों पक्षों को सामने प्रस्तुत कर दस्तावेजों का निरीक्षण कर प्रधान पाठक कमल मुरचले को हिदायत दिए की रजिस्ट्री आदेश में उल्लेख है की रजिस्ट्री के बाद उक्त भूमि में पूर्व से रखे भूमि के आलावा बाकी सामान विक्रेता के हक़ में होगा बावजूद कमल मुरचले आदेश का अवहेलना करते हुए यह मानने को तैयार ही नही हो रहे थे की उक्त भूमि में रखे सामान विक्रेता को वापास करें बल्कि थानेदार के सामने ही दादागिरी करने पर उतारू हो चुके जैसे तैसे थाना प्रभारी के समझाईस के बाद दोनों में सुलाह हुआ की क्रेता के द्वारा लिखित रूप से आवेदन दिया गया की विक्रेता को उनकी सामान वापस दिया जायेगा समझौता के दौरान मुख्य भूमिका थाना प्रभारी की रही।


सुलझाने के चक्कर में उलझ गई मामला – पूर्व से है कई मामले प्रधान पाठक के विरुद्ध पंजीबद्ध
जैसे ही मामले की भनक देनदारो के कानो में पड़ी फिर वे थाने में शिकायत लेके पहुंच गये, जिससे थाने मे हडकंप सी मच गयी, प्रधानपाठक कमल दास मुरचले अपने विभागीय मित्र केवल दास जो कि स्वयं ही शिक्षक है पुरानी मित्रता के चलते कमल दास मुरचले व केवल दास के बीच एक अच्छा संबंध रहा जिसका फायदा कमल दास बेखुफी से उठाते हुवे अपने मित्र केवल दास से चेक के माध्यम से कुछ पैसे उधार ले लिए जब पैसे वापस करने की बारी आई तो कमल दास मुरचले बईमानी के नियत से केवल दास को गोल गोल घुमाना शुरू कर दिया जब जब केवल दास अपने पैसे मांगने के लिए कमल दास के घर जाते तब तब वे पैसे देने से बचने के लिए अपने बीवी बच्चो को सामने कर देते थे स्तिथि को देखते हुए मजबूरन केवल दास को कानून को सहारा लेना पड़ा जिसको देख यह प्रतीत होता है की कमल दास मुरचले मित्रता को शर्मसार करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है ऐसा नही है कि प्रधान पाठक जैसे उच्च पद में विराजमान कमल दास मुरचले के विरुद्ध जिले के अन्य थानों में अपराध पंजीबद्ध न हो यह कृत्य एक प्रधान पाठक के लिए असोभनीय है। शासन प्रशासन को ऐसे कृत्य करने वाले प्रधान पाठक कमल दास मुरचले के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए ताकि कोई व्यक्ति ऐसे कृत्य करने से पहले बार बार सोचें

Dhanendra Namdev

Editor, IND24tv.com

Related Articles

Back to top button