रायपुर, छत्तीसगढ़// केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को संविधान में संशोधन कर 10% आरक्षण का प्रावधान किया गया है जो देश के सभी राज्यों द्वारा लागू कर दिया गया है किंतु छत्तीसगढ़ में यह 2019 से अब तक लागू नहीं किया गया है, इसे छत्तीसगढ़ में भी समान रूप से लागू करवाने की मांग को लेकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग संघर्ष समिति के सदस्यों ने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से भेंट कर ज्ञापन सौंपा। जारी बयान में बताया गया कि 10% आरक्षण लागू नहीं होने के कारण राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों एवं अभ्यर्थियों को प्रदेश के शिक्षण संस्थानों एवं नौकरियों में इसका कोई यथोचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। वे विभिन्न प्रवेश परीक्षा एवं नौकरियों की तैयारी कर रहे हैं उनके द्वारा बनाए गए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के प्रमाण पत्र की राज्य के शिक्षण संस्थानों एवं भारतीयों में कोई उपयोगिता नहीं है। यह वर्ग आरक्षण से लगातार 5 वर्षों से वंचित होता चला आ रहा है।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग संघर्ष समिति छत्तीसगढ़ के सदस्यों ने उपमुख्यमंत्री को यह अवगत कराया की मेडिकल एवं डेंटल कोर्स में प्रवेश हेतु आयोजित राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा नीट में राज्य कोटा की सीटों में सरकार द्वारा पूर्व में ही 10% आरक्षण लागू कर दिया गया है जबकि अन्य सभी प्रवेश परीक्षा एवं योग्यता परीक्षा में इसे अब तक लागू नहीं किया गया है जिससे अन्य परीक्षा की तैयारी कर रहे छत्तीसगढ़ के ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिल पा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के सरकारी स्कूलों में छात्रों के प्रवेश से लेकर महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में पीएचडी डिग्री के प्रवेश एवं वर्तमान में जारी राज्य पात्रता परीक्षा टेस्ट के आवेदन तक में छात्रों को अपने वर्ग के आवेदन करने का अवसर नहीं मिल पा रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग संघर्ष समिति के सदस्यों ने आज उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से भेंट कर छात्रों एवं अभ्यर्थियों के हित में 10% आरक्षण जारी कर शैक्षणिक सत्र से छत्तीसगढ़ के संस्थानों में प्रवेश तथा नौकरियों में छूट लागू करने की मांग की है।