महाधिवेशन से पहले PCC में “कोल्डवॉर’: प्राइम लोकेशन को प्रचार सामग्री से पाटा, प्रदेश अध्यक्ष बोले-हटा लें, नहीं तो हटा दिया जाएगा
कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन की तैयारियों के बीच छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन के भीतर विवाद खड़ा हो गया है। ताजा मामला महाधिवेशन को लेकर किये जा रहे प्रचार का है। रायपुर महापौर एजाज ढेबर ने आक्रामक पोस्टर-होर्डिंग अभियान चला दिया है। शहर और महाधिवेशन स्थल की ओर जाने वाली सड़क को प्रचार सामग्री से पाट दिया गया है। अब प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की ओर से एक आदेश जारी कर प्रचार सामग्री हटाने को कहा है।
बताया जा रहा है, मंगलवार को प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा ने स्वागत समिति की बैठक लेकर जिम्मेदारियां बांटी। उसके बाद सभी लोग महाधिवेशन स्थल पर तैयारियों का जायजा लेने चले गए। इसी के साथ रायपुर शहर में यूनीपोल पर महाधिवेशन से जुड़ी प्रचार सामग्री लगाने का अभियान शुरू हो गया। बुधवार दोपहर तक महाधिवेशन की ओर जाने वाले रास्ते, हवाई अड्डे से शहर की ओर आने वाले रास्तों को प्रचार सामग्री से पाटा जा चुका था। इसमें कई नेताओं काम नाम था।
महापौर एजाज ढेबर की ओर से लगाई गई प्रचार सामग्री में तो प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का नाम भी नहीं था। इसका विरोध शुरू हुआ तो मोहन मरकाम की फोटो को प्रचार सामग्री पर अलग से चिपकाया गया। शाम तक इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस में हंगामा मच चुका था। देर शाम PCC के प्रभारी महामंत्री-संगठन रवि घोष ने एक आदेश जारी किया। इसमें उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के निर्देश के आधार पर कहा है कि जो प्रचार सामग्री लग गई है उसे हटा लेना ठीक होगा, अन्यथा उसे हटा दिया जाएगा।
प्रचार सामग्री पर प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की तस्वीर बाद में चिपकाई गई है।
PCC के आदेश में आपत्ति यहां पर
PCC ने जो आदेश जारी किया है उसके मुताबिक नवा रायपुर में एकात्म पथ से पुरखौती मुक्तांगन के टी पॉइंट तक। मेला ग्राउंड से मेन एंट्री पॉइंट तक और मेफेयर रिसॉर्ट से VVIP एंट्री पॉइंट तक का इलाका महाधिवेशन के लिए आरक्षित शहीद वीर नारायण सिंह नगर का हिस्सा होगा। इस पूरे इलाके में प्रचार सामग्री केवल प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अनुमति से ही लग सकती है। आदेश में अनुरोध किया गया है कि कोई वहां पर प्रचार सामग्री न लगाएं। लगा है तो हटा लें, नहीं तो पार्टी हटा देगी।
प्रदेश कांग्रेस की ओर से यह आदेश जारी हुआ है।
इससे पहले AICC दो नेताओं को अनुशासनहीनता पर नोटिस दे चुकी
इस घटना से पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी-AICC की अनुशासन समिति पार्टी के दो प्रमुख नेताओं को नोटिस जारी कर चुकी है। इसमें से एक प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री अमरजीत चावला हैं। चावला प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के करीबी हैं। उनपर आरोप है कि वे कार्यालय में बैठकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणी करते रहते हैं। वे नये आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने की स्थिति में पार्टी लाइन का समर्थन नहीं कर रहे हैं और खुले तौर पर राज्यपाल के रुख का समर्थन कर रहे हैं। और यह कि अमरजीत चावला, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ निंदा अभियान में लगातार शामिल हैं।
नोटिस की जद में आए दूसरे नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम पर आरोप है कि उन्होंने सर्व आदिवासी समाज नाम का संगठन बनाया है जो खुले रूप से कांग्रेस सरकार विरोधी कार्यक्रमों में शामिल है। यह भी कि भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में सर्व आदिवासी समाज ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया। कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ नेताम ने सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी के लिए अभियान चलाया। आरोप यह भी है कि यह संगठन भाजपा से वित्तपोषित है।
कांग्रेस महाधिवेशन के आयोजन समिति के अध्यक्ष पवन बंसल और तारिक अनवर बुधवार को रायपुर पहुंचे थे।
महाधिवेशन की स्वागत समिति में हैं दोनों नेता
इस पूरे मामले में मजेदार यह है कि नोटिस की जद में आए कांग्रेस के दोनो नेता अमरजीत चावला और अरविंद नेताम महाधिवेशन की स्वागत समिति में है। मंगलवार को हुई स्वागत समिति की बैठक में अरविंद नेताम शामिल नहीं हुए थे। अमरजीत चावला लगातार शामिल रहे। बताया जा रहा है, इन दोनों नेताओं का नाम स्वागत समिति में आने के बाद विवाद शुरू हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की शिकायत पर दोनों को नोटिस जारी हुआ। AICC को एक पूरक सूची निकालकर 15 और नेताओं को स्वागत समिति में शामिल करना पड़ा। इस सूची में शामिल नेताओं को उपसमिति का अध्यक्ष भी बनाया गया।
भाजपा ने आदिवासी अध्यक्ष को अपमानित करने का आरोप लगाया
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कांग्रेस पर मोहन मरकाम को अपमानित करने का आरोप लगाया। विकास मरकाम ने कहा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को पहले भी कई बार अपमानित किया गया है। उनके खिलाफ एक ऐसा षड्यंत्र रचा जा रहा है, जो पहले टीएस सिंहदेव के लिए रचा जा चुका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी महिला का विरोध करने वाले दिखावे के लिए एक आदिवासी को अपना प्रदेश अध्यक्ष जरूर बनाए हुए हैं लेकिन उनका भी वैसा ही विरोध चल रहा है।