बीजेपी ने दंतेवाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए चैतराम अटामी को बनाया अपना उम्मीदवार।

देवती-छविंद्र कर्मा को लेकर दंतेवाड़ा से BJP प्रत्याशी बोले- मां-बेटा मेरे आगे कुछ नहीं
दुर्ग छत्तीसगढ// अटामी पहली बार विधायक पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। इसके पहले वे उप सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। वर्तमान में वे भाजपा के दंतेवाड़ा जिला अध्यक्ष पद पर हैं।
अब भाजपा से टिकट मिलते ही उन्होंने महेंद्र कर्मा के परिवार पर तंज कसा है। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान अटामी ने कहा कि कांग्रेस चाहे मां- बेटा किसी को भी टिकट दे, मेरे आगे दोनों कुछ नहीं । वादा करता हूं हराऊंगा जरूर।
जब उनसे कुछ सवाल जवाब किए तो उनके उत्तर किस प्रकार है, आइए जानते है,
सवाल – MLA की कुर्सी के लिए आप पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, कितने तैयार हैं ?
जवाब- सबसे पहले मैं भाजपा की केंद्रीय समिति, हमारे प्रदेश अध्यक्ष और पूरी टीम को धन्यवाद देता हूं, उन्होंने मुझे दंतेवाड़ा से प्रत्याशी बनाया और इस चुनावी मैदान में उतारा है। चुनाव लड़ने पूरी तरह से तैयार हूं। इसके लिए कई दिनों से मेहनत भी कर रहा हूं। इस चुनावी मैदान में मैं खरा उतरूंगा। जनता के पास जाऊंगा उनका आशीर्वाद लूंगा। निश्चित रूप से इस सीट को मैं जीतूंगा ।
सवाल- कांग्रेस ने अब तक टिकटों की घोषणा नहीं की है, लेकिन अनुमान है कि देवती कर्मा या छविंद्र कर्मा को ही टिकट मिलेगा। आप किसे कॉम्पिटिशन मानते हैं?
जवाब- देखिए, कांग्रेस से मां और बेटे का ही नाम आ रहा है। कांग्रेस चाहे देवती कर्मा को टिकट दे या फिर उनके बेटे छविंद्र कर्मा को, ये दोनों मेरे सामने कुछ नहीं लगेंगे। इन दोनों को लेकर मेरे मन में किसी तरह का बर्डन नहीं है। मेरे सामने चाहे कोई भी खड़े हो, निश्चित रूप से पराजित करूंगा और चुनाव जीतूंगा बीजेपी ने दंतेवाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए चैतराम अटामी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
सवाल- भाजपा में अंदरुनी गुटबाजी चल रही है, आपको टिकट मिल गया है, क्या लगता है इसका चुनाव में कोई इम्पैक्ट पड़ेगा ?
जवाब- भारतीय जनता पार्टी एक ऐसी पार्टी है जिसमें
चुनाव लड़ने हर कोई दावेदारी कर सकता है, लेकिन टिकट किसी एक का ही फाइनल होगा। दंतेवाड़ा में गुटबाजी जैसी स्थिति नहीं है। हमारे सारे कार्यकर्ता एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसका नतीजा चुनाव में दिख जाएगा।
सवाल- चुनाव के लिए महज चंद दिन ही बाकी हैं, अब खुद के लिए वोट मांगने किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे ?
जवाब- हमारे पास बहुत से मुद्दे हैं। साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 36 चुनावी वादे किए थे। उनकी सरकार बनी, लेकिन वादे अब भी अधूरे हैं। शराबबंदी, कर्ज माफी का वादा पूरा नहीं किया गया। समूह की महिलाओं को लोन देना तो दूर रेडी टू ईट फूड बनाने का काम तक इनसे छीन लिया गया। न सड़क है न पुल है। स्कूल की बिल्डिंग जर्जर है। आत्मानांद स्कूल खोले लेकिन, टीचर्स नहीं है। बच्चों को सड़क पर उतर कर विरोध करना पड़ रहा है।