सरकार एक षड्यंत्र के तहत राहुल गांधी की आवाज को दबाना चाहती है, लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार से डरने वाली नहीं है- अभय सिंह
भास्कर न्यूज24/वीरेन्द्र भारद्वाज/ दल्लीराजहरा। मजदूर किसान एवं जन जन के हितैषी नफरतों के अंधकार को चीरकर मोहब्बत का उजाला फैलाने वाले कांग्रेस के नेता राहुल गाधी को सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी सज़ा पर रोक लगाकर भारतीय लोकतंत्र एवं न्यायपालिका में जनमानस की विश्वास को मजबूत किया है । राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक छत्तीसगढ़ के महासचिव अभय सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार एक षड्यंत्र के तहत राहुल गांधी की आवाज को दबाना चाहती है, लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार से डरने वाली नहीं है। जन विरोधी नीतियों सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों का निजीकरण के खिलाफ लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा लोकतंत्र को बचाने और मोदी सरकार का अडानी के साथ मिलीभगत कर भ्रष्टाचार करने एवं संवैधानिक संस्थाओं और संविधान के दुरुपयोग को रोकने एवं उन्हें बचाने के लिए कांग्रेस अपनी लड़ाई जारी रखेगी। भारतीय जनता पार्टी विपक्षी दलों को दबाने के लिए विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने अडानी के व्यापार को बढ़ाया वहीं, प्रधानमंत्री बनने के बाद विदेशों में जाकर अडानी के व्यापार को फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अडानी की सेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ किसके हैं? देश के सामने सच सामने आना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के अडानी से क्या रिश्ते हैं? अडानी के घोटाले पर संसद में राहुल गांधी के भाषण के ठीक 9 दिन बाद उन पर मानहानि का मामला शुरू कर दिया गया। केरल वायनाड से लोकसभा सांसद राहुल गांधी गुजरात कोर्ट के फैसले के बाद जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। मानहानि मामले में 23 मार्च को दोषी ठहराए जाने के 24 घंटे के भीतर, 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी को सदन की सदस्यता से अयोग्य करार देने की घोषणा की। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।इसके बाद राहुल को 22 अप्रैल तक उनका 12 तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया था जहां वह करीब दो दशक से रह रहे थे। उन्होंने 22 अप्रैल को वह बंगला खाली कर दिया और अपनी मां सोनिया गांधी के आवास पर कुछ समय के लिए रहने चले गए।संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराने में 24 घंटे लगे। अब देखते हैं कि उनकी सदस्यता बहाल करने में कितने घंटे लगेंगे यह देश की जनता जानना चाहती हैl देश के उच्च सदन मे जनता के आवाज को दबाने की साजिश को नाकाम करते हुए लोकतंत्र को मजबूत बनाने उच्च न्यायालय के इस फैसले पर इंटक कार्यालय दल्ली राजहरा में खुशियां मनाई गई इस अवसर पर मेटल माइन्स वर्कर्स यूनियन इंटक अध्यक्ष तिलकराम मानकर सचिव तेजेंद्र प्रसाद उपाध्यक्ष लखन बख्शी कार्यालय सचिव दिनेश कांत असंगठित क्षेत्र मजदूर कांग्रेस अध्यक्ष राजू विनायक बालोद इंटक जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र कुमार दिल्लीवार सहित सदस्यगण उपस्थित थेl