राजेश शर्मा के प्रेम में अरुण वोरा का डूबता राजनीतिक भविष्य, टूटती कांग्रेस….

ind24tv.com// वोरा परिवार की आज जिला प्रदेश एवं देश में जो भी इज्जत मान-सम्मान है वह कांग्रेस पार्टी के कारण ही है, कांग्रेस पार्टी के कारण आज वोरा परिवार सभी सुख सुविधाओं का भोग कर रहा है, परंतु यह बात शायद पूर्व विधायक अरुण वोरा को रास नहीं आ रही, जिस तरह से शहर में लाडले विधायक की बात वोरा करते हैं, वह लाडले विधायक का पद पिछले चुनाव में अरुण वोरा को आइना दिखा दिया….
वही कांग्रेसियों के अनुसार अरुण वोरा जिस तरह से कांग्रेस की नीतियों को दरकिनार करते हुए राजेश शर्मा से संबंध निभा रहे हैं, और अपने पद एवं राजनीतिक पहुंच का फायदा उठाकर राजेश शर्मा को लाभ देने का कार्य कर रहे हैं, वह किसी से छुपा नहीं आपसी प्रेम इतना बढ़ा हुआ है कि अरुण वोरा अपने ही बातों का मान नहीं रखते जो पिछली बार एल्डरमैन के चुनाव के समय देखने को मिल ही गया. एल्डरमैन की घोषणा के पहले तात्कालिक विधायक अरुण वोरा ने स्पष्ट कहा था कि जिस परिवार से पार्षद प्रत्याशी का टिकट मिला है, उस परिवार के किसी भी सदस्य को एल्डरमैन नहीं बनाया जाएगा, परंतु राजेश शर्मा की मां वार्ड में पार्षद होने के बावजूद भी अरुण वोरा ने राजेश शर्मा को एल्डरमैन बना दिया और अपनी ही बातों को आम जनता के सामने गलत साबित कर दिया.
एक ऐसा व्यक्ति जो अपनी ही बातों का मान सम्मान ना रखें उससे कांग्रेसी और शहर की जनता क्या उम्मीद रखेगी उनके बातों का क्या सम्मान करेगी एल्डरमैन के रूप में राजेश शर्मा की नाम घोषणा होने के बाद तब अरुण वोरा का काफी विरोध हुआ था, परंतु सत्ता की ताकत के आगे सब फीका पड़ गया…
अब एक बार फिर जब दुर्ग शहर में संगठन की बदहाल स्थित अपने चरम सीमा पर है, ऐसे मे राजेश शर्मा के पार्षद टिकट के लिए आयुष शर्मा का नाम कटवा कर राजेश शर्मा को टिकट दिलवाकर जिस तरह से अरुण वोरा को युवा कांग्रेस का विरोध रहना पड़ा! वह किसी से छुपा नहीं कांग्रेस संगठन के बदहाल स्थिति के बाद भी अरुण वोरा अपने राजनीतिक ताकत का जिस तरह से इस्तेमाल कर युवा कांग्रेस को भी अपने विरोध में खड़ा कर दिया, उससे कहीं ना कहीं कांग्रेस की छवि को ही नुकसान हुआ, वही शहर में तो पिछले विधानसभा चुनाव में अरुण वोरा को आम जनता ने आइना दिखा दिया, अब युवा कांग्रेस ने भी विरोध कर आइना दिखा दिया….
यह विरोध उसे बंगले का भी माना जा रहा है जिस बंगले पर प्रदेश ही नहीं देश के बड़े-बड़े कांग्रेसी नेता सर झुकाकर सम्मान के साथ पहुंचते थे, आज इस बंगले का विरोध एक ऐसे युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने कर दिया जिनको युवा कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का श्रेय भी अरुण वोरा को जाता है, आखिर कब तक अपने राजनीतिक पहुँच का फायदा उठाकर अरुण वोरा कांग्रेस संगठन को गर्त में डालते रहेंगे और समर्पित कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के भविष्य को अंधकार में बनाएंगे. वर्तमान स्थिति का अगर आकलन करें तो ऐसा प्रतीत होता है कि दुर्ग कांग्रेस अब किसी भी कीमत पर अरुण वोरा से छुटकारा पाना चाहती है, ऐसे में देखना होगा कि कांग्रेस संगठन किस तरह से दुर्ग कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाती है या फिर दुर्ग कांग्रेस को संगठन बिल्कुल ही भूल जाएगी ?