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ज्योतिष को लेकर शोध कार्य करेंगे और अंधविश्वास को भी करेंगे दूर , चिरंजीव जैन


बिना वेद, रामायण, महाभारत, गीता और कालीदास के भारत की कल्पना असंभव, वेदों के नेत्र ही ज्योतिष विज्ञान है : आचार्य शर्मा


दुर्ग छत्तीसगढ़// ज्योतिष विज्ञान शोध संस्थान छत्तीसगढ़ की ओर से कैलाश नगर में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान ज्योतिष के प्रति जागरुकता बढ़ाने और संस्थान की गतिविधियों का विस्तार करने हेतु विचार मंथन हुआ। वहीं कुछ लोगों को निशुल्क ज्योतिषीय परामर्श भी दिया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पूजा और वैदिक मंत्रोच्चार आचार्य विनय जोशी द्वारा किया गया।

अतिथियों के स्वागत के बाद बीपी पटेल ने संस्कृत भाषा में अतिथियों का परिचय दिया। महासचिव नंदलाल चौधरी ने संस्थान के गठन के उद्देश्य, लक्ष्यों पर विस्तार से जानकारी दी। संस्थान के अध्यक्ष बृजमोहन बाली ने संस्थान के द्वारा किए जाने वाले मुख्य कार्यों की विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की, जिसमें ज्योतिषीय शोध के लिए दलों का गठन, ज्योतिषियों की मासिक बैठकों में शोध के निष्कर्षों पर परिचर्चा, ज्योतिष और संस्कृत की कक्षाओं का आयोजन, ज्योतिष बुलेटिन, लाइब्रेरी की स्थापना मुख्य लक्ष्य है। मुख्य अतिथि आचार्य डॉ. महेश शर्मा ने ज्योतिष एवं संस्कृत भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी उमेश चितलांगिया ने की। इस अवसर पर उषा गुप्ता, चमेली सिन्हा, विद्या मालवीय, एसएल मालवीय मौजूद थे।


ज्योतिष को लेकर शोध कार्य करेंगे और अंधविश्वास को भी दूर करेंगे विशिष्ठ अतिथि चिरंजीव जैन ने कहा कि यह संस्थान आने वाले समय में ज्योतिष को लेकर शोध का कार्य करेगा और ज्योतिष को लेकर जो अंधविश्वास या दूसरी धारणाएं हैं। उनको ठीक करने का प्रयास करेगा। संस्थान के मार्गदर्शक, संरक्षक और ज्योतिष गुरु वायएसएन मूर्ति ने भिलाई दुर्ग में ज्योतिष के विकास पर विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में ज्योतिष आचार्य स्व. रंगा राव को स्मरण किया गया और श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम को उद्योगपति श्रीनिवास खेड़िया, संस्थान के उपाध्यक्ष और ज्योतिष आचार्य पीडी स्वर्णकार और शिक्षाविद पंडित देवेश दत्त मिश्रा ने भी संबोधित किया।

Dhanendra Namdev

Editor, IND24tv.com

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