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क्या आप जानते हैं दुनिया के सबसे महंगे पदार्थ एंटीमैटर के बारे में? जानिए क्या है खासियत इस पदार्थ की

Ind 24tv.com// जानिए आखिर एंटीमैटर दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ क्यों है? एंटीमैटर एक तरह का इंधन है जिसका इस्तेमाल अंतरिक्षयान और विमानो में किया जाता है, सबसे बड़ी बात की यह पृथ्वी या फिर उसके वातावरण के आसपास कहीं नहीं मिलता इस पद्धति को लैब में तैयार किया जाता है इस वजह से यह दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ है। इसका उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में शरीर में कैंसर के ट्यूमर का पता लगाने के लिए किया जाता है, इसके अलावा भी इसके और भी कई प्रयोग है।कुछ सालों पहले नासा (NASA) ने इसके एक ग्राम की कीमत 62.5 खरब डॉलर मानी थी, जो अब 90 खरब डॉलर हो चुकी है, अगर पूरी दुनिया चौबीसों घंटे लगातार एक साल तक काम करती रहे, तब इसका एक ग्राम खरीद सकती है।

जानिए, इतने महंगे पदार्थ में आखिर ऐसा क्या है जो इसे खास बनाता है.

पहले समझते हैं, क्या है मैटर
एंटीमैटर को प्रतिद्रव्य भी कहा जा सकता है जो कि मैटर से विपरीत है यानी इसमें मैटर से अलग गुण होते हैं वैसे एंटीमैटर को समझने के लिए मैटर को समझना जरूरी है. मैटर के बारे में बहुत सी बातें अब भी भौतिक और रसायन विज्ञान की समझ से परे हैं, सिवाय इसके कि मैटर एटम से मिलकर बना है और एक एटम इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से मिलकर बनता है।

किसमें कौन सी ताकत
एटम के बीच में होते हैं प्रोटॉन, जिनमें पॉजिटिव चार्ज होता है, न्यूट्रॉन में कोई चार्ज नहीं होता, जबकि इलेक्ट्रॉन में निगेटिव चार्ज होता है, इलेक्ट्रॉन के पास जितनी एनर्जी होती है, ऑर्बिट उतनी ही तेजी से बदलता है, एंटीमैटर के मामले में ये बात बदल जाती है, नासा के मुताबिक इसमें पाए जाने वाले एंटी-इलेक्ट्रॉन में पॉजिटिव चार्ज होता है, वहीं प्रोटॉन, जिसे एंटी-प्रोटॉन कहते हैं, उसमें निगेटिव चार्ज दिखता है, एंटीमैटर जिन चीजों से मिलकर बनता है, उन्हें antiparticles कहते हैं। बिग बैंग के बाद मैटर के साथ ही एंटीमैटर भी बराबर मात्रा में बना था। लेकिन फिर एंटीमैटर गायब हो गया। इसकी वजह वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है। कुछ का कहना है कि मैटर एंटीमैटर की तुलना में कम रहा होगा जो कि धरती में बदलावों के दौरान गायब होता गया होगा।

कम मात्रा में बन चुका है
एंटीमैटर को समझने के लिए वैज्ञानिक इसे बनाने की कोशिश कर रहे हैं और काफी थोड़ी मात्रा में इसे तैयार भी कर लिया गया है हालांकि ये मात्रा अभी तक पता नहीं लग सकी है। वैज्ञानिकों का दावा है कि ultra high-speed collision के जरिए इसे तैयार किया जा सकता है, बता दें कि ये वो घटना है जिसमें कोई अत्यधिक तेजी से किसी स्थिर तत्व या मूविंग तत्व से टकराता है। इसमें काफी मात्रा में ऊर्जा पैदा होती है, जिसमें पार्टिकल्स के साथ एंटी-पार्टिकल्स भी होते हैं।

काफी खतरनाक है ये तत्व
मैटर के विपरीत काम करने वाला ये पदार्थ इतना खतरनाक है कि इसका छोटा सा हिस्सा भी पूरी दुनिया को किसी सबसे ताकतवर बम से भी तेजी से खत्म कर सकता है. यहां तक कि इसके खतरे पर एक बुक भी लिखी जा चुकी है। Angels and Demons नामक इस किताब में दिखाया गया है कि कैसे एक सीक्रेट सोसायटी वेटिकन सिटी को बम से मारने की कोशिश करती है। इसी डर की वजह से वैज्ञानिक एंटीमैटर की ज्यादा मात्रा बनाने से परहेज कर रहे हैं।

Dhanendra Namdev

Editor, IND24tv.com

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