असम का पिरामिड जैसा शाही कब्रिस्तान बना विश्व धरोहर

Ind24tv.com// असम के चराइदेव इलाके के शिवसागर शहर से 28 किमी दूर अहोम युग (1228-1826) के ‘मोइदम’ (शाही कब्रिस्तान) को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। पूर्वोत्तर से पहली बार किसी धरोहर को इस सूची में जगह मिली है। इसके साथ ही सूची में भारतीय धरोहरों की संख्या 43 हो गई है। इससे पहले एशिया के किसी कब्रिस्तान को विश्व धरोहर घोषित नहीं किया गया। मोइदम पिरामिड जैसी टीलेनुमा संरचनाएं है, जहां ताई-अहोम राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय चीजों के साथ फनाया जाता था। ताई-अहोम राजवंश ने असम पर 600 साल शासन किया था। अंतरराष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद ने मोइदम को यूनेस्को की सूची में शामिल करने की सिफारिश की थी।
छोटे टीले से लेकर बड़ी पहाड़ियों तक
मोइयम में 3 हिस्से हैं। पहले हिस्से में एक कमरा या वॉल्ट है, जिसमें शव रखा जाता था। दूसरा हिस्सा कमरे को ढकने वाला अर्धगोलाकार टीला है। तीसरा हिस्सा शीर्ष पर ईट की संरचना है, जिसे चाव चाली कहा जाता है। मोइदम का आकार छोटे टीले से लेकर बड़ी पहाड़ियों तक है।