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जानिए, आखिर क्यों लोग सिगरेट की लत नहीं छुड़ा पाते।

राजनांदगांव, छत्तीसगढ़// सिगरेट पीने के कुछ सेकेंड के भीतर ही धुएं में मौजूद केमिकल दिमाग तक पहुंचते हैं, जिससे कुछ न्यूरोट्रांसमिटर्स रिलीज होते हैं। इससे डोपामाइन जैसे हॉर्मोन एक्टिव होते हैं और शख्स थोड़ी देर के लिए खुशी महसूस करता है। फिर इसी खुशी को दोहराने के लिए दूसरी और तीसरी सिगरेट पीने लगते है और शख्स को इसकी लत लग जाती है। लेकिन सिगरेट कितनी जहरीली और खतरनाक है। सिगरेट के धुएं में 7,000 से अधिक रासायनिक घटक पाए जाते हैं और उनमें से सैकड़ों मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

जैसे कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

▪️1,3-ब्यूटाडीन:– यह एक रसायन है जिसका उपयोग रबर बनाने में किया जाता है। इसे कैंसर पैदा करने वाला रसायन माना जाता है जो कुछ रक्त कैंसर का कारण बन सकता है।
▪️आर्सेनिक:– आर्सेनिक का उपयोग लकड़ी को संरक्षित करने के लिए किया जाता है। कुछ आर्सेनिक यौगिकों को फेफड़े, त्वचा, यकृत और मूत्राशय के कैंसर से जोड़ा गया है।
▪️बेंजीन:– बेंजीनका उपयोग अन्य रसायनों के निर्माण में किया जाता है। यह मनुष्यों में कैंसर, विशेष रूप से ल्यूकेमिया का कारण बन सकता है।
▪️कैडमियम:– कैडमियम एक धातु है जिसका उपयोग बैटरी बनाने में किया जाता है। कैडमियम और कैडमियम यौगिक फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकते हैं और इन्हें किडनी और प्रोस्टेट कैंसर से जोड़ा गया है।
▪️क्रोमियम:– क्रोमियम VI का उपयोग मिश्र धातु, पेंट और रंग बनाने के लिए किया जाता है। क्रोमियम VI यौगिक फेफड़ों के कैंसर का कारण बनते हैं और नाक और नाक के साइनस के कैंसर से जुड़े होते हैं।
▪️फॉर्मेल्डिहाइड:– फॉर्मेल्डिहाइड का उपयोग अन्य रसायनों और रेजिन बनाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग परिरक्षक के रूप में भी किया जाता है। फॉर्मेल्डिहाइड श्वसन ऊतकों में ल्यूकेमिया और कैंसर का कारण बनता है।
पोलोनियम-210 एक रेडियोधर्मी तत्व है जो पशुओं में कैंसर का कारण बनता है।
▪️टार:– टार एक अकेला रसायन नहीं है, बल्कि यह तम्बाकू के धुएं में मौजूद कई रसायनों का वर्णन करता है। यह आपके फेफड़ों, दांतों और नाखूनों पर चिपचिपा, भूरा अवशेष छोड़ता है।

Dhanendra Namdev

Editor, IND24tv.com

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