
बिलासपुर// छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा प्रवेश परीक्षा, प्रतियोगी परीक्षाएं ली जा रही हैं। इसके लिए व्यापमं की साइट पर आवेदन होता है। छत्तीसगढ़ शासन ने आवेदन करने वाले छात्रों का शुल्क समाप्त कर दिया है। छात्र नि:शुल्क आवेदन कर सकते हैं। जबसे ये स्थिति हुई है, तब से आवेदन की संख्या तो बढ़ गई है, पर परीक्षा में उपस्थिति की संख्या 75 प्रतिशत घट गई है। 15 से 25 प्रतिशत परीक्षार्थी ही परीक्षा में उपस्थित हो रहे हैं। गुरुवार को हुई प्री एमसीए की परीक्षा में ये देखने मिला। मात्र 15 प्रतिशत परीक्षार्थी उपस्थित हुए। एक कमरे में दो छात्र थे और ड्यूटी करने वाले शिक्षकों की संख्या भी दो थी। ऐसे में लाखों रुपया बर्बाद हो रहा है। इसके अलावा शिक्षकों का समय बर्बाद हो रहा है।
गौरतलब है कि नियम के अनुसार 12 छात्रों पर एक शिक्षक की ड्यूटी लगती है। ऐसे में अगर एक हजार छात्र परीक्षा दे रहे हैं तो 83 से 84 शिक्षक की ड्यूटी लग जाती है। इसके अलावा परीक्षा केंद्र में एक केंद्राध्यक्ष और एक सहायक केंद्राध्यक्ष बनाए जाते हैं। 2 आब्जर्वर बनाए जाते हैं। वहीं सभी परीक्षा केंद्र के हर कमरे में कम से कम 2 शिक्षकों की ड्यूटी लगती है। वहीं जितने छात्र आवेदन किए हैं, उनकी संख्या के अनुसार व्यापमं द्वारा प्रश्नपत्र छपवाया जाता है। स्टेशनरी पर पैसा खर्च होता है। प्रश्नपत्र केंद्र तक पहुंचने वाहन लगाए जाते हैं। ऐसे में हर परीक्षा पर व्यापमं लाखों रुपया खर्च कर रहा है, पर परीक्षार्थी अनुपस्थित रह रहे हैं। शिक्षकों का समय बर्बाद हो रहा है। ड्यूटी कर रहे शिक्षकों का कहना है कि छुट्टी के दिन परीक्षाएं होती हैं।
प्री एमसीए में 15% रही उपस्थिति
गुरुवार को व्यापम ने पीईटी और प्री एमसीए की परीक्षा ली। पीईटी की परीक्षा में 2574 में से 1324 उपस्थित हुआ 1250 अनुपस्थितरहे। प्री एमसीए में 3535 में से 535 उपस्थित और 3000 अनुपस्थित रहे। फट के 4065 छात्रों में से 1801 उपस्थित हुआ 2264 अनुपस्थितरहे।
शासन के पास भेजा गया प्रस्ताव
व्यापम के अधिकारियों का कहना है कि आवेदन ज्यादा पर उपस्थित कम होने से काफी नुकसान हो रहा है इसे लेकर शासन को पत्र भेजा गया है, पर अभी तक निर्णय नहीं हो पाया है पिछली सरकार के समय भी यह पत्र भेजे गए थे।