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रायपुर की बेटी ईशानी अवधिया बनी सिविल जज।

कहा – मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती, तीसरी बार में हासिल हुई मंजिल


रायपुर छत्तीसगढ़// सीजीपीएससी सिविल जज परीक्षा के परिणाम जारी हो गए हैं, जिसमें टॉप 10 रैंक में 9 लड़कियों ने बाज़ी मारी है. परीक्षा में 48 पदों के लिए 152 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया गया था. वहीं राजधानी रायपुर की ईशानी अवधिया ने परीक्षा में टॉप 1 फर्स्ट रैंक हासिल किया है. ईशानी अवधिया ने बताया कि यह उनका तीसरा अटेम्प्ट था. काफी मेहनत और परिवार के पूरे सहयोग से उन्होंने सफलता हासिल की। जज के तौर पर उन्होंने कहा कि वह कोशिश करूंगी कि हर किसी को न्याय मिल सके.

सिविल जज परीक्षा की टॉपर ईशानी अवधिया ने कहा, मेहनत काफी लंबी थी. 2018 से मैं कोशिश कर रही थी. इस एग्जाम के लिए और यह मेरा तीसरा प्रयास था. दो बार मैंने इंटरव्यू दे चुका है, लेकिन फाइनल लिस्ट में मेरा नाम नहीं आया था, इससे निराश हुई थी। पेरेंट्स से फैमिली मेंबर से मेरा भाई है और मेरे जो दोस्त है जो मेरे गुरु हैं उन्होंने मुझे हमें ऐसा यह समझाया है कि कोई बात नहीं अगला प्रयास हम और करेंगे और ज्यादा बैटर तैयारी के साथ करेंगे तो सफलता जरूर प्राप्त होगी. यही अनुभव रहा है और रिजल्ट आज मेरे फेवर में है.

उन्होंने बताया, पहले शायद मैं समझ नहीं पाई थी एग्जाम को, क्योंकि मैं किसी सब्जेक्ट में ज्यादा मेहनत नहीं की थी. उसके बाद मुझे समझ में आया कि दोनों क्षेत्र के ट्रांसलेशन और जजमेंट सेम ही आते हैं. दोनों में ही इक्वली फोकस करना है तो इस चीज को आप इग्नोर नहीं कर सकते हैं. मैं इस बार इक्वली मेहनत की थी. वह एक चेंज मैं लेकर आई थी. इस बार प्रिपरेशन में ठीक रहा है. सिलेक्शन होना ही अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है। अपना नाम फर्स्ट टाइम में देखना अपने आप में बहुत बड़ी बात है. मेरे लिए सपने जैसा है. मेरे फैमिली का थ्रू आउट सपोर्टेड रहा है।

ईशानी ने कहा, मैं यह कहना चाहूंगी कि सभी को यह प्रिपरेशन होना चाहिए कि प्री के साथ इंटरव्यू की तैयारी होती है, क्योंकि प्री में भी उसी से रिलेटेड चीज पूछी जाती है, न्यूज़ पेपर डेली पड़े जो भी लीगल करंट हो उस पर भी ध्यान देना चाहिए. उसमें भी बहुत सारे क्वेश्चन बनते हैं, इंटरव्यू के प्रोफेशन पर मास्क के लिए भी आपको ध्यान देना है। रोज एक जजमेंट आपको लिखना ही है, ट्रांसलेट के लिए भी फोकस करना है, हिंदी टू इंग्लिश, इंग्लिश टू हिंदी आप लिख सकते हैं। मुझसे ज्यादा मेरे पैरंट्स और दोस्त का भरोसा था कि मैं यह कर पाऊंगी। सपोर्ट मुझे हमेशा से रहा है, क्योंकि उनके प्रयासों के बाद भी वह मुझे हमेशा सपोर्ट करते थे, इस बार नहीं हुआ तो अगली बार हो जाएगा, जो गलती थी उसको एक्सेप्ट करके दोबारा मैंने मेहनत की और सफलता आज मुझे मिल गई है।

Dhanendra Namdev

Editor, IND24tv.com

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