लायचा प्रजाति का चावल कैंसर के साथ मददगार साबित होगा इम्यूनिटी बढ़ाने में, संजीवनी की तरह करेगा काम।

बस्तर// छत्तीसगढ़ के औषधीय गुणों वाले धान पर रिसर्च कर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अब बस्तर का लायचा प्रजाति का चावल कैंसर के साथ शरीर का इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा। इसका दावा कृषि विवि और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक कर रहे हैं। इसे देश का पहला चावल बताया गया है, जिसके सेवन से कैंसर बढ़ेगा नहीं और इम्यूनिटी बूस्ट होगी। 6 सालों तक मुंबई के रिसर्च सेंटर में शोध कार्य चला, जिसमें विवि के वैज्ञानिकों भी शामिल रहे।
दवा की तरह चावल करेगा काम
देश का पहला चावल है जो हमारे शरीर में कैंसर के इलाज में दवा की तरह काम करेगा, यह संजीवनी की तरह काम करेगी।इस संजीवनी के सेवन से शरीर में पाए जाने वाले मैक्रोफेजेस नामक प्रतिरक्षा कोशिकाओं की वृद्धि होती है, जिसका कार्य शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया और मृत कोशिकाओं को दूर करना है।
संजीवनी धान की वेरायटी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और कैसर को बढ़ने से रोकता भी है। औषधीय गुण वाली भारत की पहली प्रजाति है जिसे कृषि विवि ने विकसित किया है – डॉ. गिरीश चंदेल (कुलपति, कृषि विवि)