शिशु को सांस लेने में तकलीफ हो तो ये निमोनिया के संकेत : डॉ. शर्मा
दुर्ग छत्तीसगढ़// शिशु को सांस लेने में तकलीफ हो, पसलियां तेज चल रही हो, सांस भी तेज चल रही हो, साथ में तेज बुखार हो और झटके आ रहे हों, सर्दी-खांसी हो, शिशु कुछ खा और पी नहीं रहा हो और सुस्त रहे और अधिक सोए तो ये निमोनिया के संकेत हैं। शिशुओं में ऐसे लक्षण दिखाई दे तो अभिभावक तुरंत उसे चिकित्सकों को दिखाएं। यह बातें मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भिलाई-3 में हुई “चैन की सांस लेगा बचपन” के तहत हुए कार्यक्रम में विकासखंड चिकित्सा अधिकारी और पब्लिक हेल्थ एडवाइजर डॉ. आशीष शर्मा ने कही।
उन्होंने कहा कि 5 साल तक उम्र के बच्चों में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण निमोनिया है। अतः समय रहते उसकी पहचान कर चिकित्सकों से संपर्क जरूर करें। कार्यक्रम में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. भुवनेश्वर कठौतिया ने कहा कि निमोनिया फेफड़ों में होने वाली संक्रमक रोग है। इसके लक्षण के बारे में बताने के लिए सरकार ने सांस प्रोग्राम (social Awareness and Action to Nutralize pneumonia successfully) चला रही है। निमोनिया के लक्षण पहचानकर तत्काल उसका इलाज किया जा सकता है।
कार्यक्रम को बीईटीओ स्वास्थ्य सुपरवाइजर सैय्यद असलम ने भी संबोधित किया। नवजात शिशुओं को निमोनिया से बचाने टीकाकरण जरूरी है। सभी स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर और उप स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क उपलब्ध है। माताएं शिशुओं का समय पर टीकाकरण कराकर उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं। ठंड में नवजात शिशुओं को गर्म कपड़े पहनाएं और उसकी मालिश करते रहें।