छत्तीसगढ़दुर्ग-भिलाई

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाया गया आंवला नवमी।

आंवला वृक्ष की पूजा कर बांधा सूत्र, भोजन भी बनाया

दुर्ग छत्तीसगढ़// कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मंगलवार को आंवला नवमी का पर्व मनाया गया। इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं। इस अवसर पर महिलाओं ने दिनभर व्रत रखकर आंवले के पेड़-पौधे की पूजा कर संतान प्राप्ति और उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूजा की। वृक्ष की जड़ में जल व कच्चा दूध मिलाकर अर्पित किया। फूल, माला, सिंदूर, अक्षत के साथ भोग लगाया।

मौली धागा से फेरे लगाकर सूत्र बांधा। व्रत की कथा सुनी

पेड़ के नीचे बैठकर भोजन भी किया। मान्यता है कि आज के दिन आंवला वृक्ष के नीचे भोजन बनाने के बाद उसे प्रसाद के रुप में ग्रहण करने से उत्तम आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति के सभी दरिद्रता का नाश होता है। भिलाई के लगभग सभी सेक्टरों के गार्डन, पटरीपार समेत दुर्ग के मीनाक्षी नगर, शंकर नगर व अन्य जगहों पर जहां आवले के वृक्ष लगे हैं, वहां पूजा की गई।

शंकर नगर के कुर्मी भवन में पूजा के बाद महिलाओं ने खेले गेम्स :

मनवा कुर्मी महिला समाज दुर्ग नगर इकाई ने आंवला नवमी पर छात्रावास शंकर नगर में पूजा की। मुख्य अतिथि जयश्री मंडरिक, उत्तरा वर्मा, सत्यवती वर्मा, अध्यक्ष किरण वर्मा सहित समाज की महिलाओं ने आंवले का पौधा रखकर पूजा की। दीपावली मिलन पर मनोरंजक कार्यक्रम भी कराए गए। चूड़ी गेम में नीता वर्मा प्रथम, द्वितीय किरण वर्मा, हाउजी में कांती चंद्रवंशी और मीना वर्मा विजेता बनी। दुलारी वर्मा, अन्नपूर्णा मढ़रिया, रमण वर्मा आदि उपस्थित रहीं।

Dhanendra Namdev

Editor, IND24tv.com

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