जिंदगी किताब के पन्नों में नहीं है, जिंदगी प्रकृति के आंचल में है:– डॉ. अजय आर्य।
हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध, क्रिश्चियन आदि की व्यक्तिगत प्रार्थनाओं के साथ स्काउट की सर्वधर्म प्रार्थना कराई, 200 छात्रों ने की सर्वधर्म की प्रार्थना, कैंप फायर भी सीखा
दुर्ग छत्तीसगढ़// केंद्रीय विद्यालय दुर्ग में स्काउट गाइड के प्रशिक्षण शिविर का समापन रविवार को हुआ। अंतिम दिन प्रथम और द्वितीय सोपान के स्काउट गाइड्स को विभिन्न सेवा कार्यों की ट्रेनिंग दी गई। इस दौरान सभी ने सर्वधर्म प्रार्थना की। ग्रैंड कैंप फायर कर छात्र जमकर थिरके। इस अवसर पर प्राचार्य उमाशंकर मिश्रा ने कहा कि हम सबको योग्य नागरिक बनने का प्रयत्न करना चाहिए। विद्यालय में जब छात्र अनुशासित होकर अध्ययन, अध्यापन करता है तो उसकी योग्यता विकसित होती है। छात्रों का प्रथम कर्तव्य अध्ययन करना है।
डॉ. अजय आर्य ने कहा कि जिंदगी किताब के पन्नों में नहीं है, जिंदगी प्रकृति के आंचल में है। आजकल धूल, मिट्टी से सना बचपन कहीं देखने को नहीं मिलता। स्काउट शिविर के दौरान बच्चों को पेड़ पौधों के नीचे दरी में बिठाकर भागना, दौड़ना अनुशासित होकर आगे बढ़ना सिखाया जाता है। शिविर में लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
स्पर्धाः पोटली में बांधकर रखे सामान को सूंघकर पहचाना शिविर के समापन अवसर पर गतिविधियां सुबह 8 बजे से शुरू की गई। इस दौरान हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध, क्रिश्चियन आदि की व्यक्तिक प्रार्थनाओं के साथ स्काउट की सर्वधर्म प्रार्थना कराई गई। हिंदू प्रार्थना गायत्री और मुस्लिम प्रार्थना लारेब द्वारा की गई। इसके बाद सामाजिक रोचक प्रतियोगिता के तहत पोटली में 10-12 चीजों को बांधकर रखा गया और प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सूंघकर पता लगाने का लक्ष्य दिया गया। लगभग 70% विद्यार्थी इसमें सफल रहे।
जीवन में सेवा धर्म को अपनाने का संदेश दिया
कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि एसआर मिरी, टीएल साहू आदि ने भी छात्रों को टिप्स दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप प्राचार्य पुष्पा बड़ा ने की। उन्होंने सेवा धर्म को अपनाने का आग्रह किया। कार्यक्रम के अंत में दीपावली मिलन समारोह के अंतर्गत छात्रों व शिक्षकों ने इको फ्रेंडली पटाखे फोड़े। डॉ. अजय आर्य ने बताया कि अभिभावकों ने त्योहार का दिन होने के बावजूद बच्चों को स्काउट का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भेजा। इस अवसर पर गीता माली, डॉ. श्रावणी सिंह, आशुतोष सिंह, एसआर मिरी, तोशन लाल साहू, राजेश कुमार चंद्राकर आदि ने प्रशिक्षण दिया।