भरतपुर

जनकपुर की श्रीती राय उच्च शिक्षा के लिए लंदन रवाना ,,,,,नवगठित जिले का बढ़ाया गौरव

मनेन्द्रगढ़.अगर बेटी अपने सपने पूरे करने के लिए घर से बाहर जा रही है तो मां को चिंतित होने की जरूरत नहीं। बेटी पर पूरा विश्वास कर उसे अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए मुक्त करें। बस उसे सही-गलत के बारे में जरूर समझाएं,जनकपुर जैसे दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में रहने वाली सेवानिवृत शिक्षिका आरती राय की बेटी श्रीती राय आगे की पढ़ाई करने लन्दन जा रही हैं और मां का यह सोच-सोचकर बुरा हाल है कि कैसे वहां रहेगी? क्या खाएगी? पता नहीं इसके दोस्त कैसे होंगे? ईश्वर से प्रार्थना करती रहती हैं कि इसकी रक्षा करना जो भी उनसे मिलता है उससे कहती हैं कि यह तो कभी घर से बाहर ही नहीं रही या कोरोनाकाल में वर्क फ्राम होम कर रही थी तो इसके साथ दिनभर रहने की हमारी आदत सी हो गई है। अब हम इसके बिना कैसे रहेंगे? श्रीती आराम से पुणे की एक कंपनी में अच्छी जाब कर रही थी।वह चाहती तो अपने आराम को बरकरार रखकर, समय आने पर शादी कर अपनी जिंदगी को व्यवस्थित बना सकती थी, लेकिन उसने विदेश में उच्च शिक्षा लेकर अपने करियर को बेहतर बनाने की दिशा चुनी। उसने आराम की जगह संघर्ष चुने। इसमें कहीं न कहीं श्रीती की प्रोग्रेसिव परवरिश का भी योगदान था। वह मन से चाहती थीं कि उनकी बेटी कामयाब हो, लेकिन चिंताओं को उन्होंने अपने दिल के कोने में जगह दी थी और अब वे बढ़ती जा रही थी। श्रीती ने मनेन्द्रगढ़ विजय नर्सरी स्कूल से अपनी पढ़ाई शुरू की. उसकी प्राथमिक शिक्षा भारत माता हायर सेकेण्डरी स्कूल रायपुर, माध्यमिक स्तर की शिक्षा कारमेल कान्वेंट विश्रामपुर व ज्ञान गंगा जबलपुर से हाई स्कूल की पढ़ाई पुरी की. सिटी बैंक पुणे में मैनेजर के पद पर काम करते हुये रिजाइन किया. और अब मास्टर्स ऑफ साइंस इन बिजनेस एनालिटिक्स का कोर्स करने क्वीन यूनिवर्सिटी ऑफ बेलफास्ट लन्दन के लिए रवाना हो चुकी है.
श्रीमती आरती राय का मानना है कि अगर आप चाहती हैं कि आपकी बढ़ती बेटी आपको अपना बेस्ट फ्रेंड बना ले और हर बात आपसे खुलकर कहे साथ ही आपसे सलाह मांगे तो आपको ही पहला कदम उसकी तरफ बढ़ाना होगा। आप उसे विश्वास दिलाएं कि जीवन में वह चाहे जहां रहे, लेकिन उसके लिए आपका प्यार बरकरार रहेगा। सेवा निवृत्त महिला बाल विकास अधिकारी सुश्री संध्या मंडल भी कहती हैं, जब बेटी को हरदम सहयोग का अहसास होगा तो आपका आपसी रिश्ता और मजबूत होता जाएगा। वह सब बातें शेयर करेगी तो चिंताएं भी कम होंगी। हमें हमेशा उसकी पूरी बात सुननी चाहिए और जजमेंटल होने से बचना चाहिए। बच्चे यह जान जाएं कि अगर उन्हेंं किसी तरह की परेशानी आती है या फिर वे अपनी कोई बात आपसे शेयर करना चाहते हैं तो आप उनके लिए हमेशा उपलब्ध हैं।

News Desk

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